चुप से, छुप सब से आगोश में आओ लुफ्त उठाए बरसात का आओ जीवन संगिनी। चुप से, छुप सब से आगोश में आओ लुफ्त उठाए बरसात का आओ जीवन संगिनी।
प्यारे बचपन फ़िर एक बार | तट पर टकराती लहरों पर,आते जाते इन पहरों पर,बचपन की हंसी हिलोरों पर,मुस्काती... प्यारे बचपन फ़िर एक बार | तट पर टकराती लहरों पर,आते जाते इन पहरों पर,बचपन की हंसी...
मुझे लौटा दो पिकनिक का वो ज़माना। मुझे लौटा दो पिकनिक का वो ज़माना।
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा
शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता है. शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता ह...